बाल मनोविज्ञान

(क) बाल विकास: प्राथमिक विद्यालय
- विकास की अवधारणा तथा अधिगम के साथ उसका संबंध
- बालकों के विकास के सिद्धांत
- आनुवांशिकता और पर्यावरण का प्रभाव
- सामाजिकीकरण प्रक्रियाएं: सामाजिक विश्व और बालक (शिक्षक, अभिभावक और मित्रगण)
- पाइगेट, कोलबर्ग और वायगोटस्की: निर्माण और विवेचित संदर्श
- बाल-केन्द्रित और प्रगामी शिक्षा की अवधारणाएं
- बौद्धिकता के निर्माण का विवेचित संदर्श
- बहु-आयामी बौद्धिकता
- भाषा और चिंतन
- समाज निर्माण के रूप में लिंग: लिंग भूमिकाएं, लिंग-पूर्वाग्रह और शैक्षणिक व्यवहार
- शिक्षार्थियों के मध्य वैयक्तिक विभेद, भाषा, जाति, लिंग, समुदाय, धार्म आदि की विविधाता पर आधारित विभेदों को समझाना
- अधिगम के लिए मूल्यांकन और अधिगम का मूल्यांकन के बीच अंतर विद्यालय आधारित मूल्यांकन, सतत एवं व्यापक मूल्यांकन: संदर्श और व्यवहार
- शिक्षार्थियों की तैयारी के स्तर के मूल्यांकन के लिए कक्षा में शिक्षण और विवेचित चिंतन के लिए तथा शिक्षार्थी की उपलब्धि के लिए उपयुक्त प्रश्न तैयार करना।
(ख) समावेशी शिक्षा की अवधारणा तथा विशेष आवश्यकता वाले बालकों को समझना
- गैर-लाभप्राप्त और अवसर-वंचित शिक्षार्थियों सहित विभिन्न पृष्ठभूमि से आए शिक्षणार्थियों की आवश्यकताओं को समझना।
- अधिगम संबंधी समस्याएं, कठिनाई वाले बालकों की आवश्यकताओं को समझना।
- मेधावी, सृजनशील, विशिष्ट प्रतिभावान शिक्षणार्थियों की आवश्यकताओं को समझना।
(ग) अधिगम और अध्यापन
- बालक किस प्रकार सोचते और सीखते हैं( बालक विद्यालय प्रदर्शन में सफ़लता प्राप्त करने में कैसे और क्यों ‘असफ़ल’ होते हैं।
- अधिगम और अध्यापन की बुनियादी प्रक्रियाएं( बालकों की अधिागम कार्यनीतियां: सामाजिक क्रियाकलाप के रूप में अधिागमः अधिागम के सामाजिक संदर्भ।
- एक समस्या समाधानकर्ता और एक ‘वैज्ञानिक के रूप में बालक।
- बालकों में अधिागम की वैकल्पिक संकल्पना (अधिगम प्रक्रिया में महत्वपूर्ण चरणो के रूप में बालक की त्रुटियों को समझना।
- बोध और संवेदनाएं
- प्रेरणा और अधिगम
- अधिगम में योगदान देने वाले कारक – निजी एवं पर्यावरणीय।

(क) विषय-वस्तु
- परिवार और मित्र
- संबंध
- कार्य और खेल
- पशु
- पौधे
- भोजन
- आश्रय
- पानी
- भ्रमण
- वे चीजे जो हम बनाते और करते हैं
(ख) अध्यापन संबंधी
- पर्यावरण की अवधाारणा और व्याप्ति,
- पर्यावरण का महत्व,
- एकीकृत पर्यावरण,
- पर्यावरणीय अधययन एवं पर्यावरणीय शिक्षा

(क) विषय-वस्तु : प्राथमिक
- ज्यामिती
- आकार और स्थानिक समझ
- हमारे चारों ओर विद्यमान ठोस पदार्थ
- संख्याएं
- जोड़ना और घटाना
- गुणा करना
- विभाजन
- मापन
- भार
- समय
- परिमाण
- आँकड़ा प्रबंधन
- पैटर्न
- राशि
(क) विषय-वस्तु : जूनियर
अंक प्रणाली
- अंको को समझना
- अंको के साथ खेलना
- पूर्ण अंक
- नकारात्मक अंक और पूर्णांक
- भिन्न
बीजगणित
- बीजगणित का परिचय
- अनुपात समानुपात
ज्यामिति
- मूलभूत ज्यामिति विचार(2D)
- बुनियादी आकडो को समझना
- सममिति
- निर्माण(सीधे किनारे वाले मापक, कोणमापक, परकार का प्रयोग करते हुए
क्षेत्रमिति
- आकड़ा प्रबंधन
ख) अध्यापन संबंधी मुद्दे
- गणितीय / तार्किक चिंतन की प्रकृति; बालक के चिंतन एवं तर्कशक्ति पैटर्नों तथा अर्थ निकालने और अधिगम की कार्यनीतियों को समझना
- पाठ्यचर्या में गणित का स्थान
- गणित की भाषा
- सामुदायिक गणित
- औपचारिक एवं अनौपचारिक पद्धतियों के माध्यम से मूल्यांकन
- शिक्षण की समस्याएं
- त्रुटि विश्लेषण तथा अधिगम एवं अध्यापन के प्रासंगिक पहलू
- नैदानिक एवं उपचारात्मक शिक्षण

क) विषय-वस्तु
- भोजन (भोजन के स्त्रोत, भोजन के अवयव, भोजन को स्वच्छ करना)
- सामग्री (दैनिक प्रयोग की सामग्री)
- जीव-जन्तुओं की दुनिया
- सचल वस्तुएं, लोग और विचार
- चीजें कैसे कार्य करती है (विद्युत करंट और सर्किट, चुंबक)
- प्राकृतिक पद्धति
- प्राकृतिक संसाधन
ख) अध्यापन संंबंधी मुद्दे
- विज्ञान की प्रकृति और संरचना
- प्राकृतिक विज्ञान / लक्ष्य और उद्देश्य
- विज्ञान को समझना और उसकी सराहना करना
- दृष्टिकोण / एकीकृत दृष्टिकोण
- प्रेक्षण / प्रयोग / अन्वेषण (विज्ञान की पद्धति)
- अभिनवता
- पाठ्यचर्या सामग्री / सहायता-सामग्री
- मूल्यांकन – संज्ञात्मक / मनोप्रेरक / प्रभावन
- समस्याएं
- उपचारात्मक शिक्षण

क) विषय-वस्तु
(i) इतिहास
- कब कहां और कैसे
- प्रारम्भिक समाज
- प्रथम कृषक और चरवाहे
- प्रथम शहर
- प्रारम्भिक राज्य
- नए विचार
- प्रथम साम्राज्य
- सुदूरवर्ती भूभागों के साथ संपर्क
- राजनैतिक गतिविधियां
- संस्कृति और विज्ञान
- नए सम्राट और साम्राज्य
- दिल्ली के सुल्तान
- वास्तुकला
- साम्राज्य का सृजन
- सामाजिक परिवर्तन
- क्षेत्रीय संस्कृतियां
- कम्पनी शासन की स्थापना
- ग्रामीण जीवन और समाज
- उपनिवेशवाद और जनजातीय समाज
- 1857-58 का विद्रोह
- महिलाएं और सुधार
- जाति व्यवस्था को चुनौती
- राष्ट्रवादी आंदोलन
- स्वतंत्रता के पश्चात भारत
(ii) भूगोल
- एक सामाजिक अध्ययन तथा एक विज्ञान के रूप में भूगोल
- ग्रह : सौरमण्डल में पृथ्वी
- अपनी समग्रता में पर्यावरण : प्राकृतिक और मानव पर्यावरण
- वायु
- जल
- मानव पर्यावरण : बस्तियां, परिवहन और संप्रेषण
- संसाधन : प्रकार – प्राकृतिक एवं मानवीय
- कृषि
(iii) सामाजिक और राजनैतिक जीवन
- विविधता
- सरकार
- स्थानीय सरकार
- आजीविका हासिल करना
- लोकतंत्र
- राज्य सरकार
- मीडिया को समझना
- लिग-भेद समाप्ति
- संविधान
- संसदीय सरकार
- न्यायपालिका
- सामाजिक न्याय और सीमांत लोग
ख) अध्यापन संबंधी मुद्दे
- समाजिक अध्ययन की अवधारणा और पद्धति
- कक्षा की प्रकियाएं, क्रियाकलाप और व्याख्यान
- विवेचित चिंतन का विकास करना
- पूछताछ / अनुभवजन्य साक्ष्य
- सामाजिक विज्ञान / सामाजिक अध्ययन पढ़ाने की समस्याएं
- स्त्रोत – प्राथमिक और माध्यमिक
- प्रोजेक्ट कार्य
- मूल्यांकन